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शबे मेअराज़
, सोमवार २४ ऐप्रिल २०१७ (२६ रज़्जब)
दारुलउलूम महेदविया के जानीब से आर्टिकल – माहे रमज़ान मुबारक – रोजा, खैरात, सदखा, फ़ितरा – क़ुरआन की रौशनी में, अपलोड किए हैं। - (पढ़ने के लिए क्लिक करें)
सुविचार
21 Apr, 2025
मजबुर करने पर जो कुफ़्र करें, मगर दिल ईमान से मुतमइन हो उसको अज़ाब नहीं, जो दिल खोलकर कुफ़्र करें उसको अज़ाब है। - (सुरह नहल १६ आयत १०६)
नखलियात (कथन)
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